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कलयुग में रामराज्य (हास्य व्यंग ) !!

Awara Masiha - A Vagabond Angel
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अब आज की जनता को ही देखो ..दिन दहाड़े कलयुग में अपने नेताओं से रामराज्य की कल्पना करती है …की उन्हें आज के प्रजातंत्र में रामराज्य जैसी सुविधा मिले …यह बात अलग है की उन्हें रामराज्य की जनता जैसा बर्ताव  भले ही ना आता हो …इस देश की जनता के दुखों को देख …उनकी करुण -गाथाओं को सुन सुनकर परेशान हो चुके बेचारे राम जी ने इस बार उनकी यह दुआ पूरी कर दी…..और देश में रामराज्य आ गया …

स्टेज से पर्दा हटता है …एक  सोसाइटी की बिल्डिंग में रहने वाले कुछ माध्यम परिवार के लोग सन्डे के दिन देश , समाज , सिस्टम और अपने नेताओं को कोस कोस कर ..गाली दे कर अपना टाइम पास कर रहे है ….

कल्पतरु सोसाइटी की बिल्डिंग के सामने बने हरे हरे घास के लॉन में …शर्माजी , निगम जी , गुप्ताजी और सिंह साहब बैठे गप्पे हांक रहे है ….शर्माजी एक  सरकारी विभाग में तो निगम जी बैंक में बाबू है ….गुप्ताजी सोसिएटी की बिल्डिंग के पास इक छोटी सी दुकान चलाते है और सिंह साहब कॉलेज में प्रोफेसर है …..

नौकरी वालो बाबुओं  को प्रमोशन ना मिलने का दुःख है उन्हें यह बात सालती है की उनको अभी तक ऊपरी  कमाई का मौका ना मिला ..इसलिए उन्हें भ्रष्टाचार करने वालो से सख्त चिढ़ है ….गुप्ता जी को बड़े बड़े माल के खुलने से होने वाले कम्पटीशन से तो ….सिंह साहब को सिस्टम से कोई ना कोई शिकायत है …..

यह सब लोग अपनी नाकामियों और समस्याओं का ठीकरा ..देश के नेताओं , अफसरों , सिस्टम और युवा पीढ़ी पर डाल उन्हें कोस रहे है …की इस बार इलेक्शन में मौजूदा सरकार को हटा कर नयी सरकार लानी चाहिए ..ताकि देश में रामराज्य आए ….

इन सब की यह मनोकामना भी पूरी होती है … की मौजूदा सरकार इलेक्शन में हार जाती है और नयी सरकार आने के बाद देश में रामराज्य आ जाता है ….सब खुश है ..की अब दिन फिर गए ….अब देश तरक्की करेगा ….हर वक़्त बिजली , पानी आने लगा  …देखते ही देखते देश से भ्रष्टाचार ख़त्म होने लगा और सिस्टम अपना काम तेजी से करने लगा ….

एक  दिन …सिंह साहब बड़े ख़ुशी में चहकते हुए घर आए  और अपनी बीवी से बोले ……..  अजी सुनती हो मुझे डिपार्टमेंट हेड बना दिया गया है …मेरी इतने दिनों की तरक्की रुकी थी आज मुझे मिल गई …बस नयी सरकार आने से सारी चीजे ठीक होने लगी है …मैं जरा शर्माजी और निगम जी को भी खुशखबरी सुना दूँ :….


उधर शर्माजी बहुत सालों से इस जुगत में थे की कैसे उन्हें भी मलाई वाली जगह मिले की उन्हें भी ऊपर की आमदनी का प्रसाद खाने को मिले ..सब बाबू ऊपर की कमाई खा खा कर मोटे हो गए थे और अपनी अपनी गाड़ी से ऑफिस आते थे ..बेचारे शर्माजी अभी तक बसों में धक्के खा रहे थे ….उधर गुप्ताजी भी खुश थे की अब कोई एक्साइज वाला या सेल टेक्स वाला उन्हें परेशान नहीं करेगा …..निगम जी भी प्रमोशन पाकर बड़े बाबू का दर्जा पा गए थे …..सब अपनी खुशी नीचे  वाले लॉन में मिलकर आपस में बाँट रहे थे और आने वाले दिनों में कोई मोटी कमाई खाने और तो कोई हरामखोरी करने के सपने बुन रहा था …


शर्माजी (सरकारी बाबू) :… दोस्तों अब जाकर दिल को चैन मिला है ….अब मुझे भी अच्छी जगह मिली है जहां चार लोग मुझे पूछेंगें ..इज्जत करेंगे  ..अब तक तो ऑफिस में इज्जत ही नहीं थी …जिसे देखो मेरी  टेबल पर फाइल ही ना लाता… दुसरे सारे बाबू फाइल दबा दबा कर इतने ऊपर  उठ गए ..अब मेरी बारी है …

निगम (बैंक बाबू ) :…. हँसते हुए ….सही कहा शर्माजी …अब बस दिन फिरने ही वाले है ..मुझे भी प्रमोशन मिल गया है और मेरे हाथ में लोन पास करने की पॉवर आ गई  है बहुत दिन सूखे सूखे गुजार लिए ….इन साले नेताओ ने देश को खोखला करके रख दिया …हम जैसे गरीब आदमी को सिर्फ सुखी तनखा ….वह  भी इस महंगाई के ज़माने में …..बहुत मुश्किल से गुजरा चल रहा था ….

सिंह (प्रोफेसर ) : …मुबारक हो जी …बहुत बहुत मुबारक …अब तो मैं भी डिपार्टमेंट हेड हो गया… कहाँ  पहले जल्दी जल्दी उठ के जाओ लेक्चर लो ..अब कुछ नहीं करना बस जब दिल आया जाऊँगा  और बाकी डिपार्टमेंट का बजट भी मेरे हाथ में है तो कुछ इधर उधर का भी मिलेगा …अब दिन फिरे है जाकर ..वर्ना  तो इस सिस्टम से हमें तो कोई उम्मीद ना थी …

please continued …..

कलयुग में रामराज्य (हास्य व्यंग ) !!


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