- 199 Posts
- 2 Comments
मेरे भटकते अरमानों को एक नई दिशा में मोड़ देती
मेरी तन्हा रातों को नए ख़्वाबो से जोड़ देती
मेरी उदास दिन को हल्की सी मुस्कान से झिंझोड़ देती
काश वह एक बार मुझे अपना बोल देती
वह बस इतना बोल देती ….
वह मेरी होगी या नहीं यह बात कुदरत पर छोड़ देती
मेरी जिन्दगी के इन लम्हों को थोडा रस में भिगो देती
दो पल खुद भी जीती और मुझे भी जी लेने देती
प्यार की दो बातें बस धीरे से बोल देती
काश वह एक बार मेरी बनकर सोच लेती
वह बस इतना बोल देती ….
मैंने कब उससे पूरी जिन्दगी की ख़ुशी मांगी थी
मैंने कब उसकी करुणा और त्याग की कीमत आंकी थी
मैंने कब उसकी दोस्ती गहराई नापी थी
मैंने कब उसके दिल को ठेस मारी थी
मैंने तो बस उसके सहारे अपनी जिन्दगी संवारी थी
काश वह एक बार मेरे दिल को अच्छे से तोल लेती
वह बस इतना बोल देती ….
लिखी उसने हजार बातें , सुनाये अपने दिलो ग़म भी
मैंने भी ना जाने कितने अफसाने किये उसके लिए भी
इन सब दर्दीली बातों के बदले
वह अपने दिल में थोडा सा इश्क घोल लेती
मेरी प्रेम की हजार बातों के बदले
वह थोडा सा अपने को ढीला छोड़ लेती
काश वह एक बार मुझे भी आई लव यू बोल लेती
वह बस इतना बोल देती ….
By
Kapil Kumar
Read Comments