Menu
blogid : 25540 postid : 1313652

मैं हूँ उलझन में

Awara Masiha - A Vagabond Angel
Awara Masiha - A Vagabond Angel
  • 199 Posts
  • 2 Comments



मैं हूँ उलझा इस उलझन में इस कदर..
तुझे देवी समझूँ सम्मान करूँ  या फिर मोहब्ब्त दिलरुबा समझ कर ?…..
फिर मेरा दिल तो यह कहता है
इतनी सी बात पे यूँ ना हो तू  परेशान
इसका जवाब है बड़ा ही आसान ……. .
तू यह समझ तूने बस उससे दिल लगाया है
जिसने देवी के अंदर भी इक आम औरत का दिल पाया है  ……

है कश्मकश इतनी गंभीर की समझ नहीं आता मुझे…
तुझे बाँहो में भरकर चूमूँ  या तेरे सजदे में दूँ इस सर को झुका ?
यह बात समझने में छोटी सी ,कोई बड़ा फ़साना नहीं है …
मुझे पाने के लिए तुझे घुटनो पे आना ही है  …
फिर डरता है क्यों आगे बढ़ने से, जब तुझे मुझे अपना बनाना ही है  …… …

सोचता हूँ की कंही तू हो ना जाये खफा ..
मैं दिल्ल्गी करूँ  तुझसे समझ कर अपनी दिलरुबा
फिर मेरा दिल तो यह कहता है
औरत के दिल को समझने की कोशिश  तो कर
वह रूठती है उससे , जिससे मोहब्बत में अफ़साने कर सके वह  अक्सर  …….

By
Kapil Kumar

Awara Masiha

Read Comments

    Post a comment

    Leave a Reply

    Your email address will not be published. Required fields are marked *

    CAPTCHA
    Refresh