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जीवन-मृत्यु!

Awara Masiha - A Vagabond Angel
Awara Masiha - A Vagabond Angel
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कभी कभी दिन इतना मनहूस होता है की आप सोचते कुछ है और होता कुछ और है !आज वैसा ही दिन था! सोचा था की घर जल्दी जल्दी पहुँच के , तैयार होकर टेनिस खेलने जाऊंगा !पर इस कम्बखत CPR(Cardio Pulmonary Resuscitation) क्लास ने सब गुड गोबर कर दिया ! कुछ दिन पहले ऑफिस  में इक सर्कुलर आया था , की ऑफिस की तरफ से फ्री में First Aid जैसी कोई ट्रेनिंग है |हमने सोचा , भाई लेलो ,कभी वक़्त बे वक़्त काम आजाये , साथ में उस दिन हाफ डे भी मिलना था ! पर यह कमीना CPR ट्रेनर , इतना बड़ा गुरु निकला की ,हमारा पूरा दिन  ट्रेनिंग में खपा दिया !जब तक हर किसी ने डमी ट्रायल में उसे खुश नहीं किया उसने पूरी क्लास को सर्टिफिकेट नहीं दिया ! खेर उस सर्टिफिकेट (छोटा सा कार्ड ) को पर्स में डाल उसे घर की नारियो वाली विभूतियों से नवाजता हुआ  घर जा रहा था ।

घर पहुँच, जल्दी जल्दी कपडे बदल अपने टेनिस क्लब में पहुँच गया । तब तक 7.00 PM बज चुके थे और लग रहा था की अब कोई खेलने वाला शायद ही मिले । थोड़ी सी उम्मीद थी की कुछ जेर्मन खिलाडी, जिनका ऑफिस क्लब के बगल में है कभी कभी अपने ऑफिस से सीधा खेलने आजाते है !वंहा पहुंचा तो देखा कोई भी नहीं है , बड़ा लम्बा कटा , ऐसा सोच गाड़ी को वापस घुमा रहा था की सामने से जेनिफर आती दिखाई दी ।

जेनिफर , जो अधिकतर अपने जर्मन ग्रुप के साथ आती है , आज अकेले थी । जेनिफर इक 35-36 की साढ़े पांच  फुट से तनिक लम्बी इक निहायत ही खुबसूरत जर्मन औरत है ! अगर आप उसके बारे में नहीं जानते तो आपको यकीन  करना मुश्किल होगा वोह 2 बच्चो की मां भी  है । कोई भी उसे देख 25/26 से ज्यादा की नहीं समझता ।उसकी फिगर अच्छी अच्छी मॉडल की नींद हराम कर दे ! उसपे उसके शोल्डर कट ब्लोंड बाल तो  किसी भी शैम्पू के एड वाली  को भी शर्मिंदा कर दे! उसकी मुस्कराहट देख लगता है की  वोह टूथपेस्ट का एड करने वाली कोई मॉडल है !

जेनिफ़र जिसे हम जेनी के नाम से बुलाते है , आज इक, शोर्ट(निक्कर ) और स्पेगेटी ब्लाउज कम ब्रा में थी ! मेने गाड़ी पार्क की और क्लब के अन्दर आगया , थोड़ी देर बाद जेनी भी अन्दर आगयी ! आते ही उसने अपने वेस्टर्न स्टाइल में हेल्लो किया (उसने हमें इक जोरदार हग दिया )!

न जाने यह बड़ा सा हग आज हमें खेलने से पहले ही हराने की चाल थी या आज उसने हमपे अपने हुस्न का जलवा बिखेरना था हमने खेलना शुरू कर दिया ,पर जेनी के आगे सिंगल्स खेलना बहुत बड़ी चुनौती है , वोह अपने ज़माने में जर्मनी में स्टेट लेवल पर खेल चुकी थी ।हम डबल्स तो अच्छा खेल लेते है पर सिंगल्स में स्टेमिना बहुत चाहिए , खेर जेनी  के साथ बड़ी जी जान लगा कर खेल रहे थे और सोच रहे थे की इक दो गेम के बाद कोई आजायेगा तो फिर डबल्स खेल लेंगे ।हमरी सांस फूल रही थी और वोह शरारती मुस्कुराहट से हमें कोर्ट में इधर उधर दौड़ा रही थी !

अचानक उसने इक लूज़ शॉट खेला और हमें उस पर स्मैश मारने का मौका मिल गया और हमने इक ऊँची जम्प ले पूरी ताकत से स्मैश मारा , वोह सीधा जाकर जेनी के माथे और नाक के बिच पे लगा । खेल रोक ,हम उसे सॉरी बोलने लगे तो वोह बोली कोई बात नहीं , तुम जाओ और सर्विस करो !हम बाल हाथ में ले वापस अपने कोर���ट में आ गये और सर्विस करने के लिए जैसे तैयार हुए की , सामने देखा तो कोई भी नहीं है ! यह जेनी कहाँ भाग गई , ऐसा सोच ही रहा था की, देखा जेनी कोर्ट के फर्श पर पड़ी हुयी है! दौड़ कर सीधा उसके पास गया , और आवाज लगा कर उसे पुकारने लगा !

Hey Jeny , Are you  OK ? पर उधर से कोई रिएक्शन नहीं हो रही थी ! उसका शारीर निढाल पड़ा हुआ था । मेरी हालत ख़राब हो रही थी की करू तो क्या करू , उसे हिलाया दुलाया पर कोई असर नहीं , अब वंहा पर कोई भी नहीं था , बुलाऊ तो किसे बुलाऊ , दिल डर के मारे जोर जोर से धडकने लगा , एम्बुलेंस को बुलाता तो न जाने कितना वक़्त लगे !

यह सब सोच ही रहा था की अचानक याद आया, अरे मेने आज ही तो CPR की ट्रेनिंग ली है और उसमे ट्रेनर ने ऐसी किसी स्थिति से निपटने के लिए ही हमें ट्रेंड किया था ।मेने उसकी नाक पे दो ऊँगली रख के देखि तो कोई सांस नहीं आ रही थी ,फिर उसकी गर्दन पे भी देखा वंहा भी नब्ज न थी! फिर  मेने कलाई से उसकी नब्ज देखि तो वोह भी गायब थी ! बड़े डरते डरते उसकी छाती पे अपना कान रखा की शायद उसकी कोई धड़कन सुनाई दे  पर वंहा भी सिर्फ सन्नाटा था ।

जो थोड़ी देर पहले खूबसूरती में मेनका और उर्वशी को धूल चटा रही थी अब मुर्दा जमीन पे लेटी किसी प्रेतात्मा जैसी लग रही थी !

पुरे क्लब में सन्नाटा था , सिर्फ मैं और इक जिन्दा लाश वंहा पर अकेले थे ! अब मरता क्या न करता !आज CPR में डमी पे की गयी ट्रेनिंग मुझ जैसे गरीब को लाइव इक जिन्दा लाश करनी पर पड़ रही थी |

मेने जेनी के शरीर को सीधा किया और उसके सर को उठा कर पीछे की तरफ खिंचा ताकि उसका मुंह सीधा आसमान की तरफ हो जाये !ऐसा करते करते उस मुर्दा वीनस की देवी को देख, डर के मारे  मेरे हाथ पावं किसी 90 साल के बूढ़े जैसे कांप रहे थे, मेरा शारीर किसी मानसिक रोगी की तरहा हिल डुल रहा था और दिल से नगाड़े बजने की आवाज पूरे कोर्ट में गूंज रही थी ।

इतना काम करने में यह हालत थी तो आगे वाले काम को सोच के ही हालत खराब हो रही थी!

जिस जिन्दा शारीर को देख इन्सान का मन डोल उठता है वही मुर्दा शारीर देख इन्सान का शारीर और मन कांप उठता है ! यह आज मुझे समझ आ रहा था कि भूतनी से डर लगता है या नहीं, पर मुर्दा से डर जरुर लगता है |

अब मुझे, उसे माउथ  टू माउथ साँस  देना था डरते डरते  उसके चमकते हुए चेहरे को देखा और कांपते हाथो से उसका मुंह को खोल कर उसकी नाक को बंद कर सर उठा कर पीछे की तरफ कर दिया ताकि मेरी साँस मुंह से सीधे उसके फेफड़ो  में जाये ! उसके लिपस्टिक  से सजे होटों को देख मेरी हालत वैसी ही ख़राब थी अब  साँस देने में तो मुझे ही अपनी साँस जाने का डर लग  रहा था ! डरते डरते किसी तरह हिम्मत करके इक हाथ से उसकी नाक बंद की और  उसके मुंह से अपना मुंह लगाया और दो तीन लम्बी लम्बी फूंके उसके मुंह के अन्दर फूंकी |

यह तो पता नहीं की उसे साँस आई या ना आयी पर मेरी साँस जाते जाते रह गयी !

अब दूसरा काम और भी खतरनाक था मुझे उसकी छाती पे दोनों हथेलियो को जोड़ के हल्का हल्का करीब 25/30 बार  दबाना था । छाती पे हाथ रखु तो कान्हा रखु , यह बहुत बड़ी समस्या थी ?

जिन पहाडियों को देख कभी मेरा मन बावरा होता था आज वंहा से गुजरने में भी डर लग रहा था! दोनों पहाडियों के बीच अपने हाथो को रखना ऐसे था जैसे किसी अनाडी आदमी को दो धारदार तलवारों के बीच  से निकलना  हो ।

आज उप्पर वाला भी मेरा, वोह इम्तिहान ले रहा था जो शायद “विश्वामित्र ” भी देने से पहले ही हार मान लेता ।

न जाने क्यों खुबसूरत जिन्दा इन्सान, मुर्दे के रूप में सबसे ज्यादा खतरनाक लगता है ?

यंहा जिन्दगी और मौत का सवाल था, तो अपने खाय्लातो से लड़ उन्हें दिमाग से निकाल फैंक, पुरे प्रोफेशनल की तरह बिना किसी चीज की परवाह किये ,उसकी छाती को अपनी  दोनों हथेलियों को इक के उप्पर इक रख के से जोर जोर से दबाने लगा ।यह सिलसिला 15/20 बार किया की, उसने अपनी आँख हलकी सी खोली और जोर जोर से सांस लेने की कोशिस करने लगी , पर उसके फेफड़े शायद उसमे उसकी मदद नहीं कर पा रहे थे ! उसकी साँस वापस लाने के लिए ,मुझे फिर इक बार उसे mouth to mouth  देना जरुरी था ।

बड़े झिझकते , कांपते  हाथो से उसके मुंह को खोला , वोह बड़ी बैचेन नजरो से निढाल पड़ी मुंदती सी आँखों से मुझे  देख रही थी , मेरे चेहरे से पसीना झरने के माफिक टपकता हुआ उसके चेहरे और छाती को गिला कर रहा था !बड़ी हिम्मत कर अपना पूरा मुंह को खोल कर  उसके मुंह पे रखा और जोर जोर से उसके मुंह में फुकने लगा , तभी उसके बदन में हलकी  हरकत सी हुयी और उसकी छाती तेजी से ऊपर निचे होने लगी ।

उसे साँस आता देख मुझे भी थोड़ी हिम्मत आई और दौड़ के पानी लेने चला गया !जब पानी लेकर लौटा तो वोह फर्श पर निढाल पड़ी थी और अपने हाथ पैर को हिलाने की कौशिश कर रही थी ! मेने उसका सर अपनी गोद में रख उसके मुंह पे पानी के हलके हलके छींटे मारे , उसने इक फीकी सी मुस्कुराहट के साथ अपनी आँखे खोली और मेरे हाथो से थोडा पानी पीने लगी !

थोड़ी ही देर में उसकी हालत नार्मल हो गयी …थोड़ी देर में वोह उठके सीधा खड़ी हो गयी और बोली मुझे स्ट्रोक हो गया था ! आज शायद मेने अपनी जरुरी दवाई नहीं ली और आज काम का भी मुझे बहुत प्रेशर था सुबह से कुछ खाने का मौका भी नहीं मिला, उसपे मैं खेलने भी चली आई! अगर आज तुम न होते तो न जाने क्या होता ?

वोह मेरे नजदीक आई तो मुझे लगा शायद मुझे थैंक्स कह कर इक लम्बी हग देगी, वोह पास आई और उसने जोर से मेरे गाल पे इक तमाचा जड़ दिया ।

भलाई का बदला कोई ऐसा देता है ऐसा नजारा तो मेने हिंदी पिक्चर में भी नहीं देखा था ! मेने अपना इक हाथ गाल पर रख बड़ी डब डब्बी आँखों से उसे देखा ।  वोह हंसी और बोली , तुम्हे CPR सही से देना भी नहीं आता ….अगर इस तरह से इतनी देर लगाओगे तो बेचारा इन्सान तो निपट लेगा , तुम्हारे  mouth to mouth साँस  में ऐसा लग रहा था जैसे कोई बहार से फूंक मार रहा है ।

मैं बोल, मेने CPR की ट्रेनिंग जिन्दगी में अभी थोड़ी देर पहले ही ली थी ! मैं कोई प्रोफेशनल बंदा तो हूँ नहीं ?

उसपे किसी मुर्दे को मुंह लगाना कितना मुश्किल है तुम्हे कुछ आईडिया भी है ?

जेनी बोली ,अब तो मैं मुर्दा नहीं हूँ और मैं तुम्हे सिखाती हूँ कैसे CPR देते है तुम कोर्ट के फर्श पर लेटो और मैं तुम्हे सिखाती हूँ कैसे mouth to mouth साँस  देत�� है|  मेने बहुत आनाकानी की पर वोह न मानी, बोली तुम्हे CPR का सही तरीका सीखना ही पड़ेगा !उसने मुझे  फर्श पर लेटने को कहा और बोली , सीधे होकर लेटो और अपना पूरा शरीर ढीला छोड़ दो , लगे कोई मुर्दा पड़ा है और अपने हाथ पांव बिलकुल भी नहीं हिलाओगे !

वक़्त भी कितना जालिम है जो थोड़ी देर पहले प्रेतात्मा बन कर डरा रही थी ! अब  मेनका बन कर मुझे बरबाद करने पे तुली हुयी थी ! शायद मरना ही आज मेरा नसीब था डर के हार्ट फ़ैल से या हार्ट के जोर जोर के धडकने से ,मौत दोनों सूरत में लिखी थी |

उसने मुझे फर्श पर लिटा कर मेरा मुंह खोल दिया और शरारती मुस्कराहट से मेरे मुंह के उप्पर झुक गयी !

हमने आंखे बंद कर ली और आने वाले सुनामी की आहट से हमारे विश्वामित्र तो कबके अपना सन्यास त्याग बैकुंठ में आगये थे ।जेनी बोली अपनी आँखे खोलो और देखो मैं क्या सिखा रही हूँ ?उसने इक हाथ हमारी नाक पे रख  नाक को बंद कर दिया  और अपन पूरा मुंह खोला और हमारे मुंह के उप्पर क्रॉस करके रख दिया ! उसके ट्विन टावर हमारे चेहरे के इतना नजदीक थे की वो  अब हमें उड़नखटोले पे बैठा कर जन्नत में ले जाने को तैयार थे ! जेनी हमारे ऊपर पूरा झुक गयी उसने तीन जोर जोर सी फूंक हमारे मुंह में मारी, फिर अपना मुंह हटा लिया!

ऐसा लगा जैसे किसी प्यासे के होटों से अमृत का प्याला छीन लिया गया हो !

हमारा दिल नगाड़े से भी जोर की आवाज के साथ धडक रहा था , यह आवाज पुरे कोर्ट में गूंज रही थी | हमारे दिल की नगाड़े जैसी आवाज को सुन उसने  अपनी नाजुक नाजुक हथेलियों से हमारी छाती को दबाना शुरू कर दिया और फिर दोनों हाथो से अपनी हथेली को जोड़ हमारी छाती दबाने लगी …  जेनी बोली …..CPR का सही तरीका यह है और इस तरह तुम्हे किसी को 3/4 बार mouth to mouth साँस , फिर 25/30 बार हथेली जोड़ कर छाती को दबाना होता है !

जब तक मरीज के फेफड़ो में हवा नहीं आ जाती , तुम्हे उस मरीज पर यह 3/4 बार बार दहुराना  है |

मैं बोला ,मैं समझ गया अब तो मुझे उठ जाने दो , वोह जोर से हंसी ,नहीं , अभी तुम पूरी तरह से नहीं समझे हो ? मुझे इक बार और करके दिखाना ही पड़ेगा और ऐसा कह वोह अपनी शरारती आँखों से मुझे घूरने लगी! मेरी हालत तो मुर्दे से बदतर पहले ही थी !

अब यह मेनका मुझपे जो जुल्म ढाने का प्रोग्राम बना रही थी उसे सोच के ही मेरा दिल छाती फाड़ के बहार निकलने को बेताब था |

मेरी हालत उस बकरी की थी जिसका शरीर शेरनी के सामने था और शेरनी यह  तैय कर रही थी की कान्हा से उसे नोचे और कान्हा से काटे !      आने वाले भूकंप की कल्पना करते हुए मेने अपने को ,जमीन पर ही जिन्दा दफ़न होने के लिए तैयार  कर लिया और आँख बंद कर के लेट गया ……

By

Kapil Kumar

Awara Masiha

Note: “Opinions expressed are those of the authors, and are not official statements. Resemblance to any person, incident or place is purely coincidental.’ ”

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