Menu
blogid : 25540 postid : 1316327

प्रेम का अंतर्द्वंद ?

Awara Masiha - A Vagabond Angel
Awara Masiha - A Vagabond Angel
  • 199 Posts
  • 2 Comments

कपिल की इस बेहूदा हरकरत पे रुपाली जैसे घायल नागिन की तरह फुंकार उठी ….उसने कपिल को लताड़ते हुए कहा …तुम्हारी इतनी हिम्मत हुई कैसे की तुम… मुझे अपने गले लगाकर चूम लो …मैंने तुम्हे गले लगाया अपना दोस्त समझके और तुमने उसका नाजायज फायदा उठा कर मुझे किस कर लिया …मुझे शर्म आती है तुम्हे अपना दोस्त कहते हुए …..

कपिल और रुपाली इक ही ऑफिस में साथ साथ काम करते थे और दोनों अपने जीवन के उस पड़ाव से गुजर रहे थे ..जन्हा जिन्दगी थम सी जाती है और इन्सान उस कशमकश में फंस जाता है ..की उसे समझ नहीं आता …की उसने अपने जीवन में क्या गलती की थी ….जिसकी उसे इतनी बड़ी सजा भोगनी पड रही है ……

कपिल इक अधेड़ उम्र का कुछ मनचला टाइप का शोहदा था …जो जीवन में कुछ भी सही और गलत को अपने तर्क और तराजू से तोलता था …उसके लिए धर्म-अधर्म, सही गलत  को नापने और देखने का पैमाना अलग  था…उसकी पत्नी उसकी परवाह ना करती थी ..तो वोह भी अपनी पत्नी को कुछ ना समझता और इधर उधर भटकता ….

वोह सिर्फ इक चीज में विश्वास करता था …जो है वोह सिर्फ आज है ..बीता कल आता नहीं और आने वाले कल का किसी को पता नहीं ..इसलिए जियो तो आज में ……

.रुपाली के आदर्श , संस्कार और मनोभावों से मेल ना खाती थी ….वोह भारतीय परम्परा और संस्कारो का बोझ ढोने वाली ..उन भारतीय स्त्रियों की श्रृखला की आखरी कड़ी थी …जिन्हें इतिहास में हम ..सीता , पार्वती और सावित्री के नाम से जानते है ….

कपिल को …..रुपाली के यह संस्कार आज के ज़माने की आधुनिक नारी के सामने इक अजूबे जैसे लगते ..उसे समझ ना आता ..की इस कलयुग में कैसे कोई देवी जन्म ले सकती है ?

उन दोनों का यह विपरीत आचरण ..उन दोनों को जाने अनजाने इक दुसरे की तरह आकर्षित करता ….जिसे दोनों शायद समझ कर भी अनजान बन जाते …..

कपिल जैसे नैसंगिरक भंवरे की बाते… रूहानी , मस्तानी और उस मीठे सकून का अनुभव देती …जो उसके जीवन में कंही परम्पराओ का बोझ ढ़ोते ढ़ोते दब सा गया था ..उसे भी समझ ना आता ..क्यों ..वो कपिल की तरफ बिन डोरी के खिंची चली जाती है …..

उसकी जुबान पे अंगारे बन बरसने लगे और उसने कपिल को ऐसी ऐसी खरी खोटी सुनाई की ..कपिल को ..अपने कानो पे हाथ रखने भी मुश्किल हो गए ….की उसने कुछ देर तक रुपाली से छमा मांगने का भी प्रयास ना किया …

आज जैसे ही रुपाली ने उसे किसी बात पे गले लगाया तो ..उसके मनोभाव काबू में ना रह सके …उसके हॉट जो ..रोज रुपाली के सुर्ख होटो को देख तडपते थे ..जैसे आज पूरी बगावत पे उतर आए और उन्होंने आखिर आज अपनी मंजिल पा ही ली ….

रुपाली के बदन से उठती खुसबू और उसके चेहरे का नूर ….वैसे तो रोज कपिल को मदहोश करता था ….पर अपनी भावनाओ को वोह किसी तरह काबू में कर… अपने उठने वाले जज्बातों को कुचल देता….की .. कंही ..उसकी कोई बेहूदा हरकत उसे हमेशा हमेशा के के लिए रुपाली की नजरो में ना गिरा दे …पर आज नहीं तो कल यह तो होना ही था और आज वोह हो गया जिसकी तमन्ना कपिल के दिल में रोज हिंडोले लेती थी ….

पर रुपाली पे तो जैसे चंडी सवार थी …शायद उसकी दबी कुचली इछाये …जो इक ठंडी अग्नि की भांति इक खामोश ज्वालामुखी में बंद थी …वोह कुछ और तरीके से फूट पड़ी ….

ऐसा ना था कपिल के चुम्बन से रुपाली को कोई सिरहन , रोमांच और संवेदना का अनुभव ना हुआ था ..पर वोह सब इतना अविस्मित था …की उसे सही और गलत के चक्रवात ने ….संस्कार रूपी ट्विस्टर में बदल दिया ……

कपिल का दिला चाहा की वोह भी चीख चीख कर उन सब बातो और लम्हो को रुपाली के सामने बोल दे जब जब उसने उसे अपनी तरह आकर्षित किया था …

पर उसके सच्चे प्रेम ने उसे ऐसा करने से रोक लिया …उसने सोचा ..अगर इसे मुझसे प्रेम ही नहीं …फिर क्या फर्क पड़ता है …की उसने उसे क्या कहा और क्यों किया ?…..

अगर आज… वोह सब बाते रुपाली को बोल दे …तो शायद रुपाली शर्मिंदा होकर चुप हो जाये पर ….उससे कपिल को क्या हासिल होगा? …अगर अपने प्यार को शर्मिंदा और रुसवा करके मनवा भी लिया तो क्या हासिल किया?? ….

continue reading ……

प्रेम का अंतर्द्वंद?

By

kapil Kumar

Awara Masiha

Read Comments

    Post a comment

    Leave a Reply

    Your email address will not be published. Required fields are marked *

    CAPTCHA
    Refresh