Menu
blogid : 25540 postid : 1317013

मृगतृष्णा !

Awara Masiha - A Vagabond Angel
Awara Masiha - A Vagabond Angel
  • 199 Posts
  • 2 Comments

आकाश में उड़ता हेलीकाप्टर जोर जोर से आवाज करता हुआ, इक झूमते हुए शराबी की तरह इधर उधर जा रहा था।पायलट जोर जोर से मेडे  मेडे चिल्ला रहा था । साथ में बैठा ठाकुर कपिल प्रताप सिंह अपनी आने  वाली मौत साफ साफ देख रहा था ।ठाकुर जिसे  सब लोग “K .P बॉस” के नाम से बुलाते थे , पर, मौत का  डर  पूरी तरह हावी हो चूका था |जिसके इक इशारो पर……

ना जाने कितने लोगो ने जाने गँवा दी , जिसने अपने ही हाथो ना जाने कितने लोगो को मौत के घाट उतारा , वोह आज खुद अपनी मौत के डर से पसीना पसीना हो रहा था!!….

अचानक हेलीकाप्टर ,इक घायल पंछी की भांति लडखडाया और जमीन  पर आ गिरा । ठाकुर का शारीर  इक जलते मलबे से चिपट दूर जाकर गिर और हेलीकाप्टर के दुसरे मलबे की तरह धूं धूं करके जलने लगा ।…ठाकुर अपने शरीर से उठते धुंए के साथ साथ अपनी जिन्दगी के अंधरो  में खो गया….

ठाकुर कपिल प्रताप सिंह… इक हस्ट  पुष्ट नौजवान था… जिसे अखाड़े का और घुड़सवारी का बहुत  शौक था ।कहने को ठाकुर की उम्र 35 साल थी पर कसरती बदन होने से कोई उसे 25-26 से ज्यादा का न मानता था । ठाकुर हवेली का बहार बैठा हुआ हुक्का गुड गुडा  रहा था और लड़ने वाले पहलवानों को दांव पेंच समझा रहा था ! इक पट्ठा उसके कंधे और दूसरा उसके पावं की मालिश बड़ी ही तलीन्ता से कर रहे थे । होने को तो ,राजपुरा गावं , दिल्ली से 25-30 K .M  दूर होने और गाजियाबाद से सटा था… पर इसके  बावजूद… यंहा पर सडक , बिजली  और पानी की बेसिक सुविधाए  ना  के बराबर  थी ।……
ठाकुर कपिल का ध्यान भटक अपनी पुरानी  मोटर साइकिल पर गया जो इक ज़माने में राजपुरा की शान थी…. ठाकुर का उससे लगाव कुछ अलग ही था…. उस ज़माने  में मोटर साइकिल होना इक बड़ी बात थी.. होने को तो और ठाकुरों के लोंडो  पर स्कूटर थे …पर वैसी शान कंहा…. जो मोटर साइकिल में थी ।…..

आदमीकीचाहत ….जिसचीजसेउसेसकूनदेतीहै …..वहीचीज ,इक दिनउसकासकूनछिनभीलेतीहै ।….

आज से पहले ठाकुर को किसी भी चीज की कमी महसूस न हुई थी । पर जैसे ही आज वीरू ने बताया की…. ठाकुर भानु ने नयी मोटर साइकिल लेली है…. इसे सुन कपिल को अच्छा न लगा ।…..रही सही कसर दुसरे चमचे ने आग में घी डालने वाली बात कह कर कर दी बोला ….

सुने हैं… की डेल्ही से सीधे मंगाए है!!

तीसरा बोला… इतनी तेज चालत है …की दिल्ली.. इक घंटा में पहुँच जाओ ।

ठाकुर कपिल को यह कसीदे ….कान में किसी सुई की तरह चुभ रहे थे ।….जिस मोटर साइकिल पर वोह अपनी जान देता था… आज वोह इक कोढ़ लगे मरीज सी लग रही थी…. ठाकुर बुझे मन से वंहा से उठा और घुड़सवारी करने निकल पड़ा ।….कहते हैं जब दिन खराब  हो तो सब कुछ उल्टा होता है !…. की, सामने से ठाकुर भानु ,अपनी नयी मोटर साइकिल पे, दो चमचो को बैठाये आता दिख गया….

अपनी भोली सी लगने वाली कुटिल मुस्कराहट में भानु चिल्लाया!

कैसे हो ठाकुर ?

बहुत दिना से…. दिखलाई नाहीत दिए ?….

और अपनी मोटर साइकिल के एक्सीलरेटर को घुमा घुमा कर ….से जोर जोर आवाज निकालने  लगा ।….

ठाकुर कपिल की.... हालत खाज लगे रोगी की पहले ही थी और इस हरकत ने उसमें कोढ़ का काम कर दिया ।….

ठाकुर कपिल अपने जज्बात संभल , झूटी हंसी हँसते बोला … सुने है.. नयी खरीदो हो । बधाई हो !….
अरे ख़रीदे क्या हैं….. सीधे फैक्ट्री से… स्पेशल आर्डर दे के मंगाए हैं ।…

और ऐसा कह भानु प्रताप ने अपनी दांयी आँख अपने चमचो की तरफ दबा दी ।… ठाकुर ने अपने को संभाला और घोड़े को इक ठोक लगा वापस मुड गया ।उसे वापस जाता देख… भानु और उसके चमचे, जोर जोर से हंसने  लगे ।उनके हंसने  की आवाज… ठाकुर कपिल के मन और तन पर लोहे की जलती सल्लाखो जैसी लग रही थी..धीरे धीरे आवाज कम, फिर आनी  बंद हो गई…

ठाकुर कपिल के पास… कुछ एकड़  जमीन , इक हवेली और कुछ  गाय , भैंश थी ।आज से पहले उसे किसी भी चीज की कमी महसूस न हुयी थी…. ठाकुर अच्छा खाता  पिता , कसरत करता और जिन्दगी का आनंद लेता था , ठाकुराईन  भी अपने इक लल्ला के साथ खुश थी ।….

ठाकुर कपिल हारे  हुए जुआरी की तरह,  सीधा हवेली में घुसा और जाकर बैठक में बैठ गया… ठाकुराईन  ने खाने की आवाज लगायी पर उसने अनसुना कर दिया और इक हाथ में दारू का गिलास ले अंधरे में बैठा रहा ।…आज से पहले ऐसा कभी न हुआ था… की …ठाकुर उसे अनसुना कर दे ।ठाकुर को न तो कुछ सुनाई दे रहा था और न ही वोह कुछ सुनना चाहता था…. ठाकुराईन  ढूंढते ढूंढते उसे बैठक में आई तो आवक रह गई । बैठक में गूप अँधेरा था उसने जैसे बैठक का बल्ब जलाया तो ठाकुर ऐसे चोंका की….

कोई कबूतर गोली की आवाज सुन, डर के मारे, जोर से फडफडा  उठे ।…

ठाकुराईन  उसे खिंच कर खाना खिलने ले आई !गिरता  पड़ता ठाकुर उसके पीछे हो लिया ।…

अगले दिन ठाकुर कपिल ने, अपने,इक चमचे से पुछा, की, ऐसी मोटर साइकिल किते की आवे? तो ,पैसा सुन, उसका भेजा घूम   गया। उसके पास इतने  पैसे  का कोई ठिकाना  न था… ठाकु��, इसी उधेड़ बून में बैठा था …की ….तभी ,इक चमचा अपने साथ इक आदमी को लेकर आया  बोला!

ठाकुर साहब यह बहुत भले आदमी हैं, और कसी ने, इनकी जमीन  पर कब्ज़ा कर लियो है ….ठाकुर कपिल प्रताप बोला… तो इसमें.. मैं की करू? जा पुलिस के पास जा!!….

वोह आदमी बोला…गयो था..पर … पुलिस वाले तो पचास हजार मांगे… मेरे पास इतो पैसा किन्हा ?? अगर आप कुछ जोर जबर्दासती  कर दो तो मेरी जमीन  खाली  हो जाएगी…. ठाकुर ने कुछ सोचा और उस आदमी के साथ अपने दो पटठो  को भेज दिया और उन्होंने जमीन खाली  करा दी ….खुश होकर ,उस आदमी ने ठाकुर कपिल की नजर 25 हजार रुपया कर दिया |….

अब पैसा सामने हो, तो शौक भी आजाता है… ठाकुर सीधा कार के शोरूम गया और इक कार किस्तों पे उठा लाया |…

अब गाड़ी की खबर… जब राजपुरा में फैली..  तो… सब जगह ठाकुर कपिल का नाम जोर शोर से होने लगा , जो इज्जत कल तक  इतनी कम थी की ठाकुर नजर बचा कर फिर रहा था|,

इकगाड़ीकीचमकनेपुरेगावंकेआगेउसकीगर्दनशतुरमुर्गसेभीऊँचीकरदी

इसके बाद ठाकुर कपिल को ऐसा चस्का लगा …की …हर किसी के फटे में टांग  डाल  देता और दो चार पैसे बनाने की जुगत बिठा लेता | धीर धीर खर्चे बढ़ने लगे और आमदनी का कोई पक्का ठिकाना न था…की … इक दिन, इक चेला बोला… ठाकुर साहब… ऐसे कैसे काम  चलेगा?.. कुछ इधर उधर का जोड़ तोड़ का काम  करना पड़ेगा…. नहीं तो …बैंक वाला गाड़ी और घर के बर्तन भांडे सब ले जायेगा ।….

दूसरा चेला बोला… सुना है …फकीरा सुनार ने बहुत माल जोड़ रखा है…… बहुत बड़ा शोरूम खोले हैं …. कहो तो…. कुछ उससे ही लपेट ले….. ठाकुर के कुछ समझ ना आया…..और बोला …जो जी में आये करो !!!चेलो ने ….इसे …ठाकुर की रजामंदी समझ , दिन दहाड़े … सुनार के लड़के का अपहरण   कर लिया और फिरोती में 10 लाख मांग लिए…. ठाकुर को पता लगा…. तो …पहले ,बहुत लाल पिला हुआ….. पर जब फिरोती का पैसा आया …तो… उसे देख चुपी मार गया….

कहते है की ईमानदारी की चाल तो सीधी ऊपर की तरफ चढ़ाई वाली होती है, पर जुर्म की ढलान तो सीधे निचे पतन की ओर ले जाती है !…..

अपहरण   से शुरू हुआ धंधा… कब सुपारी के धंधे में बदल गया ठाकुर कपिल को भी न पता चला ।पहले पहले छूरी  चलाने  में तो ठाकुर के हाथ कांपे |

“K .P  बॉस” के नाम से मशहूर हो गया!!!…..

छोटे मोटे चेले चपाटे… जो कभी ठाकुर के अखाड़े में दंड पेलते थे…वोह  भी  K .P बॉस के नाम पर… अपनी छोटी मोटी  गुंडागर्दी करने लगे ।…ठाकुराईन  को शुरू शुरू में तो बहुत बुरा लगा…धीरे -धीरे उसे भी  इसकी आदत सी  हो गई ….

शायद इस जगत में ,पैसा ही इक ऐसी चीज है, जो इंसान का दिल , दिमाग, रिश्ते-नाते  और चरित्र बहुत तेजी से बदल देता है …..

ठाकुराईन  ,जब बाजार में जाती और लोग झुक झुक कर सलाम करते और अपनी आँखे नीची कर लेते… तो…

उसका सीना भी झूटी आन-बान और शान में, शेरनी की तरह चोडा  और गर्दन शतुरमुर्ग की तरह ऊँची होकर अकड़ने लगी….. वक़्त के साथ साथ,ठाकुराईन  भी पैसे और पॉवर का मजा लेने सिख गई ..…

इक दिन…बातो ही बातो में ,जब चेलो ने ठाकुर कपिल को समझाया, की, हम लोगो ने माल तो बहुत कमा लिया….पर साली इज्जत, अभी भी, समाज में दो कौड़ी की है … तो ठाकुर ने इज्जत कमाने का पेतेरा यह फैंका की , राजनीती में आ जाउंगा तो बड़े बड़े सरकारी अफसर… जो आज हमें …..गुंडा मवाली , हिस्ट्रीशिटर बोलते है …कल अगर हाथ जोड़कर और सर झुका कर सलाम ना करे तो बोलना ….राजनीती से ….कुछ भी संभव है!!!…...

शायद हमारे समाज में ,राजनीती वोह गंगा है, जिसमे स्नान करने सें…. तन के साथ साथ …. मानवीय आपराध का इतिहास भी धुल जाता है और इन्सान शरीर  के साथ चरित्र से भी पवित्र होकर समाज में पूजनीय हो जाता है??

इसके बाद तो ….ठाकुर कपिल ने राजनीती में आने का सपना देखना शुरू कर दिया और उसके लिए इधर उधर का गठ जोड़ बिठाने लगा ….जो कल तक उसके दुश्मन थे , आज वोह वक़्त की नजाकत के साथ दोस्त मन गए….

जिसने जीवन में धर्म कर्म, सिर्फ इंसानी कर्म समझा था …वोह ,अब हर दिन सुबह सुबह ..निर्जल होकर, अपने धर्म के आँगन में सीश झुकाने जरुर जाता ….. उसकी सेवा भावना देख, आधुनिक युग का…. पूजा और चढ़ावे से खुश होने वाला रिश्वतखोर गॉड भी शीध्र… उसपे प्रसन हो गया ….

जल्दी ही ठाकुर का राजनीती में जाने का सपना भी पूरा हो गया… जब उसे,  देश की जानी मानी राष्टीय पार्टी के इक आपराधिक छवि वाले उम्मीदवार के विरुद्ध लड़ने के लिए….दूसरी राष्टीय पार्टी ने…. घर आकर, उसके आगे सर झुकाकर उसे अपनी पार्टी में आने का न्योता दिया और ठाकुर कपिल को आने वाले इलेक्शन में लड़ने के लिए अपना उम्मीदवार घोषित कर दिया ।….

जो ठाकुर… कल तक,जमींनी कब्ज़ा , अपहरण  और सुपारी का  धंधा करके , लोगो से पैसे ऐंठता था…. अब लोगो के छोटे मोटे काम करा कर, इस सामाज में इज्जत… बढती महंगाई की तरह दिन प्रति दिन कमाने लगा |….

धीरे धीरे … ठाकुर कपिल ने …..अपनी गावं में सडक, लाइट , पानी , स्कूल आदि की वयवस्था करवानी  शुरू कर दी…जो गावं कल तक… इतना पिछड़ा था की उसमे रात में कुछ भी देखना और दिन में सडक जैसी चीज पे चलना नामुमकिन था …अब देश के प्रगतिशील गावं की इक मिसाल बन गया था !!…..

ठाकुर कपिल ने अपना…जमीन कब्ज़ा, अपहरण और सुपारी का धंधा दुसरे राज्यों में करना शुरू कर दिया …ताकि…. किसी भी राजनीतिक और कानूनी करवाई के वक़्त… उसे लोकल पब्लिक , राजनीती और अफसरशाही का सपोर्ट मिल सके!! …….

अब गावं वाले कहते ,ठाकुर कपिल बहुत भला आदमी है , वोह बुरा होगा औरो के लिए… पर हमारा तो बहुत ख्याल राखे है ।…

शायद हमारे समाज की सोच में अभी तक जयचंद और मीर जाफर जिन्दा है …इसलिए तो…. हमें बहार वालो के साथ साथ….. अपने भी …आये दिन हमें लुटते –खसोटते रहते है ………

ठाकुर कपिल के …इन अच्छे कामो   का यह परिणाम निकला की.. .लोगो ने …उसके पहले के किये ….गलत  कामो  को भूला दिया और उसे आने वाले चुनावो में जीता दिया…..

शायद ,भारतीय मानुस की कम����ोरी है ,वोह वक्ती तौर पे सिर्फ, अपना फायदा देखता है…. भले ही उससे, दुसरे का कितना भी नुकसान हो रहा हो ?….

राष्टीय पार्टी ने खुश होकर… उसे,अपने मंत्रिमंडल में ,मंत्री पद से नवाज दिया और इसी ख़ुशी का जोर शोर से प्रदशन करने… ठाकुर कपिल प्रताप… हेलीकाप्टर से अपने गावं राजपुरा जा रहा था!!,…..

की उसका…. महत्वकांशी सपना…. जो इक मोटरसाइकिल से शुरू हुआ था…उसकी असमायिक  मौत से खत्म होगया!! ….

By

Kapil Kumar

Awara Masiha

Note: “Opinions expressed are those of the authors, and are not official statements. Resemblance to any person, incident or place is purely coincidental.’ ”

Read Comments

    Post a comment

    Leave a Reply

    Your email address will not be published. Required fields are marked *

    CAPTCHA
    Refresh