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सुननेमेंयहबड़ाविचित्रलगताहै“नारीकीखोज” ,अरेनारीतोहरजगहहैफिरखोज किसकी?
सचयहहै,हमजिसेअपनेइर्दगिर्ददेखतेहैवोहमां,बहन,दादी,पत्नीयाकुछऔरहैपरनारीनहीं,
क्याइनकोआपनेबिनारिश्तेकेदेखाहै | सबकीसबइकनकाबओढ़े !
जबसेहोशसंभालाहै।अपनेआसपासकीचीजोको,माहौलकोऔरलोगोकोदेखातोइकसत्यहमेशामुझेकाचुटतारहा।
कीजन्मदेनेवालीमातासेप्रेमकरनेवालीप्रेमिकायापत्नीतक,सबनेपुरुषकीपरिभाषाबहुतसिमितऔरसंकुचितपरिभाषितकी।
शायदउसमेसबसेबड़ायौगदानभीखुदपुरुषोया“नर“काभीरहा।अपनेमूलसवभावकोनसमझपुरुषनेअपनेसवभावकोसामजिकढांचेकेइर्दगिर्दइतनाजकड़लियाकीआजकापुरुषसिर्फनामकापुरुषरहगयाहै।
वोहभाई,पिता,प्रेमी,पति,बॉस,मातहत,दोस्तऔरसाथीतोहैपरउसमेपुरुस्तानहींहैवोहरिश्तेनिभाताहैपरप्रक्रतिनेजोमूलस्वाभावउसेदियाउसकोउसनेइनसामाजिकबन्धनोंमेंबांधकंहीदफनादिया।इसलिएआजकापुरुष“कामी“,”लोभी“,”बल्त्कारी” ,”कायर“,”दुराचारी“और“अत्याचारी“हैपरपुरुषनहीं ?
जिसनारीकेउदर(पेट)सेउसकाजन्महोताहै,जिसबंधनसेबांधवोह,अपनेजीवनकीपहलीसांसलेताहै,जिस“स्थान” सेवोहइसजगकापहलाअनुभवकरताहैऔरजिस“जगह“सेवोहअपनीपहलीभूखमिटाताहै,ताजिन्दगीइन्हीचीजोकीमृगतृष्णामेंबंधसारीजिन्दगीगवांबैठताहै।उसकीयहीमृगतृष्णाकबउसकीहवसमेंपरिवर्तितहोजातीहैवोहजानभीनहींपाता।औरजबवोहजनताहैतबतकसमाजमेंवोहकिसीजुर्मसेकलंकितहोबाकीजिन्दगीअपनेप्राश्चितमेंगुजारदेताहै |
पुरुषजिसमाताकेवात्सल्यसेअपनेजीवनकापहलाप्रेमकाअध्यायशुरूकरताहैताउम्रवोहउसवात्सल्य/स्नेहकीतलाशमेंनारीदरनारी,आशिकबनहरनारीकेपीछेभागताहैकीकंहीउसेवोहगोदमिलेगीजिसमेउसकेबचपनकीयादेउसकेअचेतनमनमेंछिपीहैं,इसखोजमेंभटकवोह“आवारा“या“औरतखोर“बनबैठताहै।
जिसशारीरमेंउसकेअस्तित्वकानिर्माणहोताहै,जन्हाउसकाजिवअपनारूपधारणकरताहैवहीशारीरउसकेलिएसारीउम्रइकपहेलीबनकररहजाताहै।
शायदयहकुदरतकाक्रुरुमजाकहीहैजोपुरुषनारीकेशारीरमेंपलेजिसेनारीकेमन औरतनकाअनुभवखुदनारीसेज्यादाहो,परयहपुरुष,सारीजिन्दगीइसपहलेअनुभवकाइस्तमालअपनीजिन्दगीमेंनहींकरपता,जोखुदउसकेवजूदमेंहैयाजिससेखुदउसकावजूदहैवोवहीसबबहार,किसीनारीमेंढूंडताहै।
कितनेही“ऋषि–मुनि” , “प्रचारक” , “गुरु” , “धर्मयोगी” , “दार्शनिक” इसखोजमेंलगेरहेऔरअपनेअपनेअनुभवसेइसदुनियाकोअलगअलगसन्देशदेतेरहे।
किसीनेऔरत/नारी/मादाकेसिर्फशारीरकोअपनाआदर्शमान,पुरुषकीसमाधीउसकेसन्दर्भतकहीसिमितकरदी।
किसीनेनारीकोनसमझनेवालीपहेलीघोषितकरअपनेकर्तव्यकीइतिश्रीकरली।
किसीनेनारीको“नरककाद्वारकाअपनेनाकामऔरअधर्मीहोनेकापुख्तासाबुतदेदिया।
किसीनेनारीकोकिसीदुसरेगृहकाप्राणीघोषितकरउसेनसमझेलायकघोषितकरदियापरसबसेबड़ासचयहहैकीकिसीनेनारीकोखोजाहीनहीं,सबनेअपनेअन्दरकेपुरुषकोखोजनारीकीव्याख्याकरदी।
कितनीविचित्रबातहै,कोईशाकाहरीखानाखानेवाला,मांसहारीखानेकेबारेलिखेकीउसकास्वादक्याहै?
आखिरइकमर्द/पुरुषनारीमेंक्याखोजताहै।
सचतोयहनारी,कभीपुरुषकीखोजनहींकरती!सिर्फपुरुषहीअपनेमूलसवभावकेकारणवैसीनारीकीखोजमेंरहताहैजिससेउसकाअस्तित्वपूराहोसके |जानेअनजानेहरपुरुष(नर)अपनेअन्दरछुपीनारी(मादा)कीतलाशमेंरहताहैवोहउसनारीकोढूंडनाचाहताहैजिससेउसेअपनेजन्मकेसमयपेबिछुड़नापड़ाथा!
नारीतोगंगाहैऔरपुरुषइकप्यासापथिक !
कभीआपनेसुनाहै“गंगा “पथिककोखोजे?सचतोयहहैपथिककोहीगंगाकोखोजनापड़ताहैअपनीअतृप्तप्यासबुझानेकेलिए |
इसखोजकीशुरुवातमेनेअपनेहोशसँभालतेहीशुरूकरदी।सबसेपहलेमेनेअपनेघरकीनारियोकोदेखा,नजानेक्यूँयहइकपहेलीहीरहीकी,नारीकास्वाभावहमेशाबनावटीक्यूँहै,उन्हेंपीड़ाहोतीपरलोकलाजकेडरसेवोहउसकाइजहारनकरती।उनकीखुशियाँजैसीकभीथीहीनहीं,घरकेपुरुषजिसमेअपनीपसंदनपसंदजाहिरकरदेतेवोहउनकीपसंदनपसंदहोजाती।
मैंकोतुहल्पुर्वकयहसमझनेकीकोशिसकरता,अभीथोड़ीदेरपहलेयहकुछऔरकहरहीथीअबकुछऔरआखिरकौनसारूपसत्यहै।
इनकेआंशुकिसबातपेआजातेइसकापतातोशायदभगवनकोभीनहोपाता।
कितनेबड़ेबड़ेसदमेसहनेवालीहमारीदादी–मां,बुवा,चाची,किसदिनकोपभवनमेंजाबैठतीयहअजुबपहेलीहीरहती।
मेराबावरामन,बचपनसेइसपहेलीकोजितनासुलझानेकाप्रयासकरताउतनाहीउसमेउलझताजाता!औरइसखोजीवयवहारकेकारनमुझेमेराघरछोड़नेपरमजबूरकरदिया,मेरेवयवहारसेतंगआकरमेरेमातापिताऔरचाचा–चाचीनेमुझेजन्मकेछठेवर्षमें हॉस्टलभेजदिया।
हॉस्टलमेंमेनेअपनीयहखोजअपनीपहलीहॉस्टलवार्डनMsमीनाकोसमझनेसेशुरूकी!..
By
Kapil Kumar
नारी की खोज—2
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