Menu
blogid : 25540 postid : 1341115

तेरी आँखें ….

Awara Masiha - A Vagabond Angel
Awara Masiha - A Vagabond Angel
  • 199 Posts
  • 2 Comments
यह गुलाबी रसीले होठ है या छलकता जाम
जिन्हे चुम का मस्त हो जायूँ या पी कर कर लूँ शाम
इन होठों  में ढूंढूं  अमृत या फिर ले लू कुछ और काम
यह दरिया है ऐसी मस्ती का, जिन में डूबूं   या हो  जाऊं  पार
जब दहकते होठ है तेरे, फिर अंगारो का तुझे क्या काम
परवाने जलते है शमा पर, तुझे चूमूँ  तो हो जाऊं  कुर्बान
तेरी आँखे है या झील सी खाई , जिनकी गहराई मुझे कभी समझ ना आई
तेरी आँखे है या मस्ती का साया , इनसे भला कौन है  बच पाया
जैसे पूछती है मुझसे यह हज़ारों  सवाल
इनमे कब डूबोगे मेरे सरताज
तेरे माथे की यह कैसी बिंदिया , जिसने छीनी मेरी नींदिया
जो आती है मेरे  खवाबो में
जैसे चमके खंजर किसी सन्नाटे में
मुझे जगा कर पूछती है हर बार
है हिम्मत इतनी की मेरे पास आओगे या फिर मेरी चमक से ही डर जाओगे

Image result for beutyful eyesgirl paintings

यह गुलाबी रसीले होठ है या छलकता जाम

जिन्हे चुम का मस्त हो जायूँ या पी कर कर लूँ शाम

इन होठों  में ढूंढूं  अमृत या फिर ले लू कुछ और काम

यह दरिया है ऐसी मस्ती का, जिन में डूबूं   या हो  जाऊं  पार

जब दहकते होठ है तेरे, फिर अंगारो का तुझे क्या काम

परवाने जलते है शमा पर, तुझे चूमूँ  तो हो जाऊं  कुर्बान

तेरी आँखें  है या झील सी खाई , जिनकी गहराई मुझे कभी समझ ना आई

तेरी आँखें  है या मस्ती का साया , इनसे भला कौन है  बच पाया

जैसे पूछती है मुझसे यह हज़ारों  सवाल

इनमे कब डूबोगे मेरे सरताज

तेरे माथे की यह कैसी बिंदिया , जिसने छीनी मेरी नींदिया

जो आती है मेरे  खवाबो में

जैसे चमके खंजर किसी सन्नाटे में

मुझे जगा कर पूछती है हर बार

है हिम्मत इतनी की मेरे पास आओगे या फिर मेरी चमक से ही डर जाओगे

By

Kapil Kumar

Awara Masiha


Read Comments

    Post a comment

    Leave a Reply

    Your email address will not be published. Required fields are marked *

    CAPTCHA
    Refresh