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दिलजली….

Awara Masiha - A Vagabond Angel
Awara Masiha - A Vagabond Angel
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कोई तो एक  दिलजली मुझे भी मिल जाती
भले ही नश्तर सी दिल में उतर जाती
सहलाता  रहता अपने दिल को लेकर उसका नाम
इस बहाने यह जिन्दगी किसी तरह से  तो गुजर जाती
उदास रातों   और अकेले दिन को किस तरह से मैं काटूं
रहूँ भीड़ में भी अकेला , अपना गम में किससे बांटू
लोग कहते  है की तेरी मस्ती में यूँ तो कोई कमी नहीं आती
उन्हें क्या पता सागर को भी मीठे पानी की याद  हल पल सताती
उलझे रहो जिन्दगी के ताने बाने में अगर तुम
तो दिल को बैचेनी नहीं आती
जब थक जाओ मंजिल पर  पहुंचकर रास्तों  की याद नहीं आती
पर जिस मुसाफ़िर की मंजिल ही रास्ता हो
उसकी बैचेनी और थकावट , इस दुनिया को समझ नहीं आती ….

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कोई तो एक  दिलजली मुझे भी मिल जाती

भले ही नश्तर सी दिल में उतर जाती

सहलाता  रहता अपने दिल को लेकर उसका नाम

इस बहाने यह जिन्दगी किसी तरह से  तो गुजर जाती


उदास रातों   और अकेले दिन को किस तरह से मैं काटूं

रहूँ भीड़ में भी अकेला , अपना गम में किससे बांटू

लोग कहते  है की तेरी मस्ती में यूँ तो कोई कमी नहीं आती

उन्हें क्या पता सागर को भी मीठे पानी की याद  हल पल सताती


उलझे रहो जिन्दगी के ताने बाने में अगर तुम

तो दिल को बैचेनी नहीं आती

जब थक जाओ मंजिल पर  पहुंचकर रास्तों  की याद नहीं आती

पर जिस मुसाफ़िर की मंजिल ही रास्ता हो

उसकी बैचेनी और थकावट , इस दुनिया को समझ नहीं आती ….

By

Kapil Kumar

Awara Masiha

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